आदमी ही आदमी से लड़ रहा
ये कैसा रोग इस दुनियाँ को जकड रहा
आदमी ही आदमी के मार्ग में बाधा बन जाता है !
आदमी के ही हाथ से आदमी का निवाला छिन जाता है !!
यहाँ दाता बना आदमी आदमी ही बना गुलाम
आदमी ही आदमी को ठोकर मारे
आदमी ही आदमी को करे सलाम !!
ये कैसा रोग इस दुनियाँ को जकड रहा
आदमी ही आदमी के मार्ग में बाधा बन जाता है !
आदमी के ही हाथ से आदमी का निवाला छिन जाता है !!
यहाँ दाता बना आदमी आदमी ही बना गुलाम
आदमी ही आदमी को ठोकर मारे
आदमी ही आदमी को करे सलाम !!
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