इस ब्लॉग में आप भारत वर्ष के नए नए स्थानों के विषय में लगातार पढ़ेंगे | घुमक्कडी का मतलब होता है बिना कुछ सोचे समझे झोला उठाये कहीं भी निकल पड़ना ! कहीं भी खा लेना और कहीं भी सो जाना ! इसलिए जिन्हें डनलप के गद्दे पर ही नींद आने की आदत हो गयी है वो घुमक्कडी का ख्वाब न पालें , हाँ वो टूरिस्ट जरूर हो सकते हैं ! तो आइये , देश को करीब से देखिये और महसूस करिये ....मेरे साथ !
शुक्रवार, 30 मार्च 2012
सोमवार, 26 मार्च 2012
ज़िन्दगी …………………एक पहेली
हमने पूछा ज़िन्दगी से
बता ए ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी क्या है ?
वो बोली मत पूछ बन्दिगी से
कि बता ए बन्दिगी ये बन्दिगी क्या है ||
ज़िन्दगी जवानी है ज़िन्दगी एक कहानी है |
रुक जाये तो बर्फ है बह जाये तो पानी है ||
किसी को सुकून दूं मैं ये मेरी भाषा नहीं है
ये मेरा आगाज़ है , मेरी पूर्ण परिभाषा नहीं है
किसी के लिए काँटा हूँ किसी के लिए फूल हूँ मैं |
किसी के सिर का ताज हूँ किसी के पाँव की धूल हूँ मैं ||
हमने कहा
अच्छा चलें ! ज़िन्दगी जी विदा दीजिये |
( हम ज़िन्दगी से मिलने गए हुए थे )
वो बोली ! कहाँ चले ?
पहले मेरी सहेली ‘ मौत ‘ से तो मिल लीजिये ||
हमने कहा आज जाना ज़िन्दगी क्या है ?
ज़िन्दगी तो एक पहेली है |
आप से तो सुन्दर आपकी सहेली है ||
गुरुवार, 22 मार्च 2012
फूलों की खुशबू लौट आई है………….
फूलों की खुशबू लौट आई है एक तेरे आने से |
हर ख़ुशी मेरे पास आई है एक तेरे आने से ||
रफ्ता रफ्ता बढ़ रहा था मैं मौत की ज़ानिब
मेरी जिंदगी लौट आई है एक तेरे आने से ||
तेरे बिना जैसे महक नहीं थी गुलशन में
हर कली मुस्कराई है एक तेरे आने से ||
तू गई तो चाँद की चांदनी भी गई
रात की चमक लौट आई है एक तेरे आने से ||
बात बिगड़े भी तो रिश्ते नहीं टूटा करते
सदा -ए -इश्क लौट आई है एक तेरे आने से ||
मैं तो बस एक तिफ्ल था ‘ योगी ‘ इस भरे ज़माने में
पूरी दुनियां मेरे कदमों में सिमट आई है एक तेरे आने से ||
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