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ब्रह्म सरोवर को साइड साइड से देखते हुए लगभग एक पूरा चक्कर गोल गोल लगा लिया और वापस जहाँ से चला था वहीँ आ गया ! यहाँ माँ कात्यायनी का एक प्राचीन मंदिर है हालाँकि मुझे आज तक ये नही समझ में आया कि प्राचीन मंदिर कहते किसे हैं ? कहीं कल मंदिर बना और उसके बाहर बोर्ड लगा मिलेगा , प्राचीन शिव मंदिर , प्राचीन हनुमान मंदिर ! जैसा मैंने पहले कहा कि अंदर रास्ता बहुत ही साफ़ सुथरा और चौड़ा है इसलिए कोई समस्या नही आती ! यहीं एक ऐसा मंदिर है जिसे द्रौपदी का कुआँ (कूप ) कहा जाता है लेकिन कूप तो कहीं नही दिखाई दिया ! थोड़ा सा आगे पूर्वमुखी हनुमान जी का मंदिर है ! गुणी पाठकों से निवेदन करूँगा कि इस विषय में ज्ञान वर्धन करें कि पूर्व मुखी , दक्षिण मुखी क्या होता है ?
ब्रह्म सरोवर को साइड साइड से देखते हुए लगभग एक पूरा चक्कर गोल गोल लगा लिया और वापस जहाँ से चला था वहीँ आ गया ! यहाँ माँ कात्यायनी का एक प्राचीन मंदिर है हालाँकि मुझे आज तक ये नही समझ में आया कि प्राचीन मंदिर कहते किसे हैं ? कहीं कल मंदिर बना और उसके बाहर बोर्ड लगा मिलेगा , प्राचीन शिव मंदिर , प्राचीन हनुमान मंदिर ! जैसा मैंने पहले कहा कि अंदर रास्ता बहुत ही साफ़ सुथरा और चौड़ा है इसलिए कोई समस्या नही आती ! यहीं एक ऐसा मंदिर है जिसे द्रौपदी का कुआँ (कूप ) कहा जाता है लेकिन कूप तो कहीं नही दिखाई दिया ! थोड़ा सा आगे पूर्वमुखी हनुमान जी का मंदिर है ! गुणी पाठकों से निवेदन करूँगा कि इस विषय में ज्ञान वर्धन करें कि पूर्व मुखी , दक्षिण मुखी क्या होता है ?