चलो बुलावा आया है
माता ने बुलाया है !!
ये शब्द हम हमेशा माँ वैष्णो देवी के द्धार जाने के लिए बोलते हैं लेकिन गाजियाबाद से मात्र 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित महरौली , दिल्ली में देवी योगमाया के मंदिर तक पहुँचने में पूरे 4 महीनों का समय लग गया ! कभी कुछ काम लग गया कभी कुछ ! आखिर नवरात्रों के दिन में कुछ समय मिला और योगमाया मंदिर देखने निकल गया ! दोपहर बाद साढ़े तीन बजे जापानी भाषा की क्लास ख़त्म कर मूलचंद मेट्रो स्टेशन से केंद्रीय सचिवालय, वहां से येलो लाइन की मैट्रो से साकेत पहुंचा ! साकेत उतरने का कारण ये था कि वहाँ मैट्रो स्टेशन से बाहर निकलकर बस मिल जाती हैं ! मालवीय नगर स्टेशन पर या हौज ख़ास में बस नही मिल पाती ! मिलती भी है तो पैदल चलना पड़ता है ! साकेत मेट्रो स्टेशन से बाहर आकर 427 नंबर महरौली जाने वाली बस पकड़ी ! मंदिर की एग्जेक्ट लोकेशन मालूम नही थी इसलिए बस कंडक्टर से एक बार कह दिया - भाई योगमाया मंदिर उतार देना ! वो तुरंत बोला - ये बस योगमाया मंदिर नही जायेगी ! पीछे एक स्कूल का बच्चा बैठा था - वो बोला , अंकल आप बैठे रहो ! ये उधर होकर ही जायेगी ! रोड से बिलकुल पास ही है ! बच्चे स्मार्ट होते हैं !! थोड़ी देर बाद बस जाने पहिचाने से रास्ते पर चल रही थी ! ऐसा लगा जैसे मैंने ये जगह देखी है पहले कभी ! अरे , ये तो कुतुबमीनार की तरफ की जगह है ! सब याद आ गया ! थोड़े दिनों पहले परिवार के साथ कुतुबमीनार गया था लेकिन तब योगमाया मंदिर का नाम भी नही सुना था ! दिल्ली ऐसे खूब घूमी है लेकिन कोई कहे कि मुझे फलां जगह जाना है तो मैं नही बता सकता ! कुतुबमीनार के बिलकुल पीछे के तरफ एक गोल सा चक्कर काट के बस निकलती है ! बस बिलकुल पीछे ही है योगमाया मंदिर ! इस रास्ते में आपको देश के बड़े बड़े फैशन डिज़ाइनर जैसे , जे.जे वलैया , मनीष पॉल , मनीष मल्होत्रा , ऋतू कुमार आदि के बुटीक मिल जाएंगे देखने को ! आपकी मर्जी है खरीदना चाहें तो खरीदें , मेरी हिम्मत और औकात नही होती इतने महंगे कपडे खरीदने की !!