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विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करके वाराणसी की लंका से ही रामनगर फोर्ट देखने के ऑटो मिल जाता है ! दूरी केवल दो किलोमीटर है, 15 रूपये लगे लेकिन गंगा पर बने प्लाटून पुल को पार करने में ऑटो में बुरी हालत हो गयी ! गर्मी से बुरी हालत हुई पड़ी थी , पहले एक कोल्ड ड्रिंक पेट में उतारी 650 मिलीलीटर की , तब जाकर कुछ ठण्डक पड़ी ! जब टैम्पो में आ रहा था तो पीछे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मूर्ति लगी दिखी थी , चलो पहले थोड़ा सा पीछे लौटते हैं और उनकी मूर्ति का एक फोटो खींच लाते हैं ! बढ़िया जानकारी मिली , शास्त्री जी का जन्म यहीं , इसी गाँव में हुआ था ! पहले से बस इतना पता था कि उनका जन्म मुग़ल सराय या वाराणसी में हुआ था लेकिन आज उनकी जन्मस्थली पर हूँ , भाग्यशाली हूँ कि ऐसे सीधे -सच्चे इंसान और प्रधानमंत्री की जन्मस्थली को अपनी आँखों से देख पा रहा हूँ ! उनकी स्मृति में स्वागत द्वार भी बनाया हुआ है , अच्छा लगा ! आइये फोर्ट देखने चलते हैं :
बढ़िया प्रवेश द्वार है किले का ! इतिहास थोड़ा समझ लेते हैं फिर इसके अंदर चलेंगे ! 20 रूपये का टिकट है ! गंगा के किनारे बने मुग़ल स्थापत्य पर आधारित इस किले का निर्माण काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने 1750 ईस्वी में कराया था ! अब वर्तमान में भी वहां काशी नरेश अनन्त नारायण सिंह का परिवार आता जाता है , कहने का मतलब ये किला सरकारी नहीं बल्कि निजी संपत्ति है , काशी नरेश की !
किले में अंदर प्रवेश करने के बाद बाएं हाथ पर टिकट खिड़की से 20 रूपये का टिकट ले लिया है , ज्यादा भीड़भाड़ नहीं है ! 15-20 लोग होंगे बस ! 18 अप्रैल 2016 का दिन है , मेरा मोबाइल फोन 40 डिग्री की गर्मी दिखा रहा है। ये मौसम इधर आने का बिल्कुल नहीं है लेकिन मौका ही ऐसा मिला ! कुछ पाने के लिए कुछ तो Compromise करना ही पड़ेगा ! टिकट खिड़की के बराबर से ही अंदर एक गैलरी में प्रवेश कर जाते हैं , यहां काशी के राजा महाराजाओं की पुराने जमाने की एक से एक बेहतरीन कार रखी हैं प्रदर्शनी के लिए , लेकिन फोटो खींचना मना है ! आसपास देखा, कोई नहीं था , कुछ क्लिक मार दिए ! हालाँकि फोटो बढ़िया नहीं आये लेकिन Something is better than nothing ! आगे चलते जाने पर एक बहुत बड़ी सूर्य घडी रखी हुई है , फोटो लेना सख्त मना है और फोर्ट के कर्मचारियों के साथ साथ तीसरी आँख ( CCTV ) बराबर निगरानी रखते हैं ! यहां इस फोर्ट में काशी नरेश राजा अनन्त नारायण सिंह का अपना आवास भी है इसलिए सब कुछ आम लोगों के लिए खुला नहीं है ! मुख्य दरवाजे के दूसरी ओर PAC का अपना रहने का ठिकाना है इसलिए उधर भी जाने की मनाही है ! कहने का मतलब लगभग आधा किला ही घूमने को बचता है !
नीचे की तरफ एक गैलरी और बड़े बड़े हॉल में काशी के राजाओं द्वारा उपयोग में लाई गयी तलवार , छोटे छोटे अन्य हथियार , कपडे आदि देखने को रखे हैं ! इससे आगे चलकर किले के पीछे की तरफ वेद व्यास मंदिर है ! और जब पीछे जाते हैं तो कुछ घाट जैसे बने हुए हैं जो निश्चित रूप से रानियों के स्नान , गंगा स्नान के लिए बनाए गए होंगे ! ऊपर जाने पर गंगा का जो द्रश्य दिखाई देता है वो एकदम मस्त कर देता है !
तो आइये , इस बार की सर्दियों में राम नगर फोर्ट देख आइये ! तब तक मेरी पोस्ट पढ़िए और फोटो देखते जाइये :
अब अपने दोस्त के पास सोनभद्र जिले में स्थित ओबरा जाऊँगा ! फिर लौटकर लखनिया दरी वॉटर फॉल देखने चलेंगे !!
विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करके वाराणसी की लंका से ही रामनगर फोर्ट देखने के ऑटो मिल जाता है ! दूरी केवल दो किलोमीटर है, 15 रूपये लगे लेकिन गंगा पर बने प्लाटून पुल को पार करने में ऑटो में बुरी हालत हो गयी ! गर्मी से बुरी हालत हुई पड़ी थी , पहले एक कोल्ड ड्रिंक पेट में उतारी 650 मिलीलीटर की , तब जाकर कुछ ठण्डक पड़ी ! जब टैम्पो में आ रहा था तो पीछे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मूर्ति लगी दिखी थी , चलो पहले थोड़ा सा पीछे लौटते हैं और उनकी मूर्ति का एक फोटो खींच लाते हैं ! बढ़िया जानकारी मिली , शास्त्री जी का जन्म यहीं , इसी गाँव में हुआ था ! पहले से बस इतना पता था कि उनका जन्म मुग़ल सराय या वाराणसी में हुआ था लेकिन आज उनकी जन्मस्थली पर हूँ , भाग्यशाली हूँ कि ऐसे सीधे -सच्चे इंसान और प्रधानमंत्री की जन्मस्थली को अपनी आँखों से देख पा रहा हूँ ! उनकी स्मृति में स्वागत द्वार भी बनाया हुआ है , अच्छा लगा ! आइये फोर्ट देखने चलते हैं :
बढ़िया प्रवेश द्वार है किले का ! इतिहास थोड़ा समझ लेते हैं फिर इसके अंदर चलेंगे ! 20 रूपये का टिकट है ! गंगा के किनारे बने मुग़ल स्थापत्य पर आधारित इस किले का निर्माण काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने 1750 ईस्वी में कराया था ! अब वर्तमान में भी वहां काशी नरेश अनन्त नारायण सिंह का परिवार आता जाता है , कहने का मतलब ये किला सरकारी नहीं बल्कि निजी संपत्ति है , काशी नरेश की !
किले में अंदर प्रवेश करने के बाद बाएं हाथ पर टिकट खिड़की से 20 रूपये का टिकट ले लिया है , ज्यादा भीड़भाड़ नहीं है ! 15-20 लोग होंगे बस ! 18 अप्रैल 2016 का दिन है , मेरा मोबाइल फोन 40 डिग्री की गर्मी दिखा रहा है। ये मौसम इधर आने का बिल्कुल नहीं है लेकिन मौका ही ऐसा मिला ! कुछ पाने के लिए कुछ तो Compromise करना ही पड़ेगा ! टिकट खिड़की के बराबर से ही अंदर एक गैलरी में प्रवेश कर जाते हैं , यहां काशी के राजा महाराजाओं की पुराने जमाने की एक से एक बेहतरीन कार रखी हैं प्रदर्शनी के लिए , लेकिन फोटो खींचना मना है ! आसपास देखा, कोई नहीं था , कुछ क्लिक मार दिए ! हालाँकि फोटो बढ़िया नहीं आये लेकिन Something is better than nothing ! आगे चलते जाने पर एक बहुत बड़ी सूर्य घडी रखी हुई है , फोटो लेना सख्त मना है और फोर्ट के कर्मचारियों के साथ साथ तीसरी आँख ( CCTV ) बराबर निगरानी रखते हैं ! यहां इस फोर्ट में काशी नरेश राजा अनन्त नारायण सिंह का अपना आवास भी है इसलिए सब कुछ आम लोगों के लिए खुला नहीं है ! मुख्य दरवाजे के दूसरी ओर PAC का अपना रहने का ठिकाना है इसलिए उधर भी जाने की मनाही है ! कहने का मतलब लगभग आधा किला ही घूमने को बचता है !
नीचे की तरफ एक गैलरी और बड़े बड़े हॉल में काशी के राजाओं द्वारा उपयोग में लाई गयी तलवार , छोटे छोटे अन्य हथियार , कपडे आदि देखने को रखे हैं ! इससे आगे चलकर किले के पीछे की तरफ वेद व्यास मंदिर है ! और जब पीछे जाते हैं तो कुछ घाट जैसे बने हुए हैं जो निश्चित रूप से रानियों के स्नान , गंगा स्नान के लिए बनाए गए होंगे ! ऊपर जाने पर गंगा का जो द्रश्य दिखाई देता है वो एकदम मस्त कर देता है !
तो आइये , इस बार की सर्दियों में राम नगर फोर्ट देख आइये ! तब तक मेरी पोस्ट पढ़िए और फोटो देखते जाइये :
चांदी की गाडी ! राजाओ की भी मौज थी |
ये पीछे गंगा का विहंगम अवलोकन |
ये फोर्ट के पीछे से लिए गए फोटो हैं |
वेद व्यास मंदिर ! मुग़ल कालीन स्थापत्य से बना है |
थोड़ा गौर से देखिये , कुछ दिखा ? |
ये पुराने जमाने का दरवाज़ा , घाट तक जाने के लिए उपयोग में लाया जाता होगा |
अब अपने दोस्त के पास सोनभद्र जिले में स्थित ओबरा जाऊँगा ! फिर लौटकर लखनिया दरी वॉटर फॉल देखने चलेंगे !!
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