अपनी पुरानी डायरी में से आपके लिए कुछ हाज़िर कर रहा हूँ ! आशा है आपको पसंद आएगा !
ये प्रेमिकाएं बड़ी विकट होती हैं
बिल्कुल डाक टिकट होती हैं
क्योंकि जब ये सन्निकट होती हैं
तो आदमी की नीयत में थोडा सा इजाफा हो जाता है !
मगर जब ये चिपक जाती हैं तो
आदमी बिलकुल लिफाफा हो जाता है !!
सम्बन्धों के पानी से
या भावनाओं की गोंद से चिपकी हुई
जब ये साथ चल पड़ती हैं तो
अपने आप में हिस्ट्री बन जाती हैं !
जिंदगी के डाक खाने में उस लिफ़ाफ़े की
रजिस्ट्री बन जाती हैं !!
यूँ इनके साथ होने पर
लिफ़ाफ़े का अपना एक रंग होता है !
मगर जब ये नहीं होती हैं तो
लिफाफा बेरंग होता है !!
मेरी आप लोगों से विनती है , अरदास है , रिक्वेस्ट है
कि आप अपनी जिंदगी के लिफ़ाफ़े पर
किसी भी मूल्य का , किसी भी साइज़ या आकार का
डाक टिकट चिपकाइए ! मगर
ज़रा सलीके से लगाइये !!
कहीं ऐसा न हो इससे कहीं कोई
दुर्घटना घट जाए !
और कोई आपके लिफ़ाफ़े का डाक टिकट छुडाने लगे तो
कहीं लिफाफा ही न फट जाए !!
ये प्रेमिकाएं बड़ी विकट होती हैं
बिल्कुल डाक टिकट होती हैं
क्योंकि जब ये सन्निकट होती हैं
तो आदमी की नीयत में थोडा सा इजाफा हो जाता है !
मगर जब ये चिपक जाती हैं तो
आदमी बिलकुल लिफाफा हो जाता है !!
सम्बन्धों के पानी से
या भावनाओं की गोंद से चिपकी हुई
जब ये साथ चल पड़ती हैं तो
अपने आप में हिस्ट्री बन जाती हैं !
जिंदगी के डाक खाने में उस लिफ़ाफ़े की
रजिस्ट्री बन जाती हैं !!
यूँ इनके साथ होने पर
लिफ़ाफ़े का अपना एक रंग होता है !
मगर जब ये नहीं होती हैं तो
लिफाफा बेरंग होता है !!
मेरी आप लोगों से विनती है , अरदास है , रिक्वेस्ट है
कि आप अपनी जिंदगी के लिफ़ाफ़े पर
किसी भी मूल्य का , किसी भी साइज़ या आकार का
डाक टिकट चिपकाइए ! मगर
ज़रा सलीके से लगाइये !!
कहीं ऐसा न हो इससे कहीं कोई
दुर्घटना घट जाए !
और कोई आपके लिफ़ाफ़े का डाक टिकट छुडाने लगे तो
कहीं लिफाफा ही न फट जाए !!
1 टिप्पणी:
सूर्य कुमार जी की प्रसिद्ध कविता
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