इस ब्लॉग में आप भारत वर्ष के नए नए स्थानों के विषय में लगातार पढ़ेंगे | घुमक्कडी का मतलब होता है बिना कुछ सोचे समझे झोला उठाये कहीं भी निकल पड़ना ! कहीं भी खा लेना और कहीं भी सो जाना ! इसलिए जिन्हें डनलप के गद्दे पर ही नींद आने की आदत हो गयी है वो घुमक्कडी का ख्वाब न पालें , हाँ वो टूरिस्ट जरूर हो सकते हैं ! तो आइये , देश को करीब से देखिये और महसूस करिये ....मेरे साथ !
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12 टिप्पणियां:
कोमल भावो की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..सुन्दर ..
बहुत बहुत धन्यवाद , श्री भास्कर जी ! आपको मेरे शब्द पसंद आये , बहुत बहुत आभार ! आगे भी सहयोग देते रहे !
सुन्दर भावभिव्यक्ति
बहुत बहुत आभार आदरणीय निशा जी मित्तल ! मेरे शब्दों तक आने और उत्साहित करने के लिए ! मुझे आशा थी आपका आशीर्वाद अवश्य ही मिलेगा ! धन्यवाद
जिन्दगी की हकीकत
जीवन का सत्य लिखा है ... इनमें उलझ के रह जाता है इन्सान ...
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय श्री सत्यशील अगरवाल जी ! आशीर्वाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय श्री दिगंबर जी ! आशीर्वाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद आपका
hakikat bayan ki hai aapne yogi ji saabhaar!
बहुत बहुत आभार श्री संजय जी आपका ! हौसलाफजाई बनाये रखियेगा ! धन्यवाद
सुंदर रचना.
बहुत बहुत आभार आपका श्री राकेश श्रीवास्तव जी ! संवाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद
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