इस ब्लॉग में आप भारत वर्ष के नए नए स्थानों के विषय में लगातार पढ़ेंगे | घुमक्कडी का मतलब होता है बिना कुछ सोचे समझे झोला उठाये कहीं भी निकल पड़ना ! कहीं भी खा लेना और कहीं भी सो जाना ! इसलिए जिन्हें डनलप के गद्दे पर ही नींद आने की आदत हो गयी है वो घुमक्कडी का ख्वाब न पालें , हाँ वो टूरिस्ट जरूर हो सकते हैं ! तो आइये , देश को करीब से देखिये और महसूस करिये ....मेरे साथ !
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
7 टिप्पणियां:
Are vah Yogi ji apne to kamal kar di apki ye kavitaye mere DIL ko chhu liya hai ap jab bhi nai kavita likhen ap mujhe jarur bhejhen. bahut bariya.
सारस्वत जी,
आप का ब्लॉग देखा, बहुत अच्छा लगा | आप के यायावरी के आलेख और कविताएँ बेहद पठनीय हैं | इस श्रमशील कार्य के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !
बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री संतलाल करुण जी ! मेरे प्रयास को आपने समर्थन दिया ! आशीर्वाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद
bahut bahut aabhaar shri santlaal karun ji ! aashirwad banaye rakhiyega ! dhanywad
बहुत सुंदर कविता.
धन्यवाद आपका
बहुत बहुत धन्यवाद आपका श्री राकेश श्रीवास्तव जी ! संवाद बनाये रखियेगा
एक टिप्पणी भेजें