शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

सर्वेश्वर महादेव और अन्य मंदिर : कुरुक्षेत्र

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ब्रह्म सरोवर को साइड साइड से देखते हुए लगभग एक पूरा चक्कर गोल गोल लगा लिया और वापस जहाँ से चला था वहीँ आ गया ! यहाँ माँ कात्यायनी का एक प्राचीन मंदिर है हालाँकि मुझे आज तक ये नही समझ में आया कि प्राचीन मंदिर कहते किसे हैं ? कहीं कल मंदिर बना और उसके बाहर बोर्ड लगा मिलेगा , प्राचीन शिव मंदिर , प्राचीन हनुमान मंदिर ! जैसा मैंने पहले कहा कि अंदर रास्ता बहुत ही साफ़ सुथरा और चौड़ा है इसलिए कोई समस्या नही आती ! यहीं एक ऐसा मंदिर है जिसे द्रौपदी का कुआँ (कूप ) कहा जाता है लेकिन कूप तो कहीं नही दिखाई दिया ! थोड़ा सा आगे पूर्वमुखी हनुमान जी का मंदिर है ! गुणी पाठकों से निवेदन करूँगा कि इस विषय में ज्ञान वर्धन करें कि पूर्व मुखी , दक्षिण मुखी क्या होता है ?






थोड़ा सा आगे चलकर बल्कि ये कहें कि गेट के बिलकुल सामने ही एक खूबसूरत मंदिर है "सर्वेश्वर महादेव " का ! सर्वेश्वर महादेव भगवान शिव का ही कोई रूप हैं ! लेकिन मंदिर की दीवारों पर और इस शिखर पर अन्य मूर्तियां हैं जो वास्तव में बहुत सुन्दर हैं ! हाँ , ब्रह्म सरोवर में बोटिंग का आनंद भी उठाया जा सकता है ! ब्रह्म सरोवर से बाहर आकर एक और मंदिर है "दक्षिण मुखी प्राचीन हनुमान मंदिर " ! देखने लायक है ! आज लिखने को ज्यादा नही है ! अब आगे सीधे ज्योतिरसर चलेंगे !!












ये सर्वेश्वर महादेव मंदिर के एक कक्ष की छत है
सर्वेश्वर महादेव मंदिर में माँ की प्रतिमा
सर्वेश्वर महादेव मंदिर में माँ की प्रतिमा

ब्रह्म सरोवर
ब्रह्म सरोवर


ब्रह्म सरोवर से बाहर चलते हैं !! धन्यवाद आपका भी
दक्षिण मुखी प्राचीन हनुमान मंदिर "

दक्षिण मुखी प्राचीन हनुमान मंदिर "
दक्षिण मुखी प्राचीन हनुमान मंदिर "

दक्षिण मुखी प्राचीन हनुमान मंदिर "


                                                                                               
                                                                                                             यात्रा जारी रहेगी :

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