बुधवार, 18 नवंबर 2015

ब्रह्म सरोवर : कुरुक्षेत्र

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​कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन के बाहर से ब्रह्म सरोवर के लिए ऑटो मिल जाते हैं ! लेकिन कुरुक्षेत्र में दो सरोवर हैं ब्रह्म सरोवर और सन्निहित सरोवर ! ब्रह्म सरोवर को बड़ा सरोवर और सन्निहित सरोवर को छोटा सरोवर कहते हैं ! तो ब्रह्म सरोवर यानि बड़ा सरोवर चलते हैं !

ब्रह्म सरोवर में स्नान एक पुण्य कर्म माना जाता है ! आप देखें तो पाएंगे कि हिन्दू धर्म में पवित्र सरोवर या कुण्ड में नहाने की पुरानी परंपरा रही है और इसे पवित्र माना जाता है ! जैसे हेमकुंड , रूप कुण्ड ! ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ करने के बाद कुरुक्षेत्र से ही सृष्टि बनाने की शुरूआत की थी और ब्रह्म सरोवर इस सृष्टि का उद्गम माना जाता है ! इस सरोवर का नाम अल बरुनी द्वारा 11 वीं शताब्दी में लिखी गयी गई "किताब -उल- हिन्द " में भी आता है ! जब प्रतिवर्ष नवम्बर के अंत और दिसंबर के शुरुआत में यहां "गीता जयंती " का उत्सव मनाया जाता है तब इस सरोवर को देखना और भी सुन्दर लगता है ! ​उस समय यहां दीप दान और आरती भी होती है ! लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ यहां सूर्य ग्रहण के समय होती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय यहां स्नान करने से आपके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं !




ज्यादातर ऑटो वाले रोड पर ही उतार देते हैं , अंदर वो ही ऑटो जाते हैं जो हायर किये हुए होते हैं ! वैसे रोड से भी ज्यादा अंदर नही है ! मुश्किल से 10 मिनट लगते हैं ब्रह्म सरोवर तक आने में ! कुरुक्षेत्र में जिंदल ग्रुप ने बहुत काम किया हुआ है ! कांग्रेस के युवा सांसद और झण्डा अभियान के अग्रणी नवीन जिंदल का काम दिखाई देता है और उनका असर भी दीखता है उस क्षेत्र में ! बहुत से घरों के ऊपर तिरंगा लहराता हुआ दिखाई दे जाएगा ! ब्रह्म सरोवर से तुरंत पहले भगवान श्री कृष्णा की बहुत ही सुन्दर और बड़ी मूर्ति जिंदल ग्रुप ने लगाई हुई है और इसके साथ ही गीता के श्लोक भी लिखे हैं ! सामने ही सरोवर दिखाई देता है ! इस सरोवर को दो हिस्सों में बाँट दिया गया है जो एक छोटे से पल के नीचे से आपस में में जुड़े हुए हैं ! रास्ता बहुत सुन्दर और साफ़ सुथरा है ! पानी भी बहुत साफ़ है सरोवर का ! स्नान तो नही किया मैंने लेकिन हाँ , आचमन जरूर कर लिया ! सरोवर के नहाने वाले घाटों पर सफाई भी ठीक ठाक है और महिलाओं के लिए अलग कवर्ड घाट हैं लेकिन इन घाटों को अलग अलग विशेष नाम दिए हैं ! जैसे अदिति घाट , सत्यभामा घाट ! महिलाओं के घाटों पर महिला का शानदार चित्र बनाया गया है !!

थोड़ा सा आगे जाकर भगवान श्री कृष्णा और अर्जुन का महाभारत का वो दृश्य मूर्ति के रूप में विराजमान है जब भगवन श्री कृष्णा अर्जुन को धनुष उठाने और युद्ध करने के लिए प्रेरित करते हैं ! बहुत ही बड़ा रथ है ये जिसमें चार घोड़ों को जोता गया है , मतलब इस रथ को चार घोड़े खींचते हुए दिखाए हैं ! ऊपर छत्र है और ध्वज पताका लहरा रही है ! ध्वज पताका पर भगवान बजरंगबली हनुमान विराजमान हैं ! यहां भी गीता के श्लोक लिखे हुए हैं और एक बोर्ड पर गीता सार लिखा हुआ है !


आगे की बात अगली पोस्ट में :

जिंदल ग्रुप द्वारा लगवाई गई भगवान श्री कृष्णा की मूर्ति

रथ में चार घोड़े जोते गए हैं
भगवान श्री कृष्णा , अर्जुन को कर्मयोगी बनने का सन्देश दे रहे हैं




​लहराती हुई धर्म पताका और वहां विराजमान ​भगवान हनुमान





ब्रह्म सरोवर की विशाल जलराशि
ब्रह्म सरोवर की विशाल जलराशि
ब्रह्म सरोवर की विशाल जलराशि

महिलाओं के लिए अलग घाट हैं





ये उसी रथ पीछे का हिस्सा है







                                                                                                        वृतांत जारी रहेगा :

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