मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

शेख चिल्ली का मक़बरा : कुरुक्षेत्र

इस यात्रा वृतांत को शुरू से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिये !!​


ज्योतिसर देखने के बाद उसी रास्ते पर ज्योतिसर से बिलकुल पास ही पड़ने वाले गीता मंदिर जाने का कार्यक्रम था लेकिन जब वहां पहुंचा तब वो मंदिर बंद था ! अब ये शाम को चार बजे खुलेगा और अभी बजे हैं तीन ! यानि पूरा एक घण्टा इंतज़ार करना पड़ेगा , ये संभव नही क्योंकि आज ही वापस लौटना है और अभी बहुत कुछ देखना बाकी है ! इधर उधर के फोटो लिए और चलते बने ! यहां इस मंदिर प्रांगण में पीछे की तरफ गौशाला है जिसमें सौ से ज्यादा गायें बंधी हुई थीं ! मुख्य मंदिर की ईमारत बहुत ही खूबसूरत बनी हुई है और इसी से इसकी खूबसूरती का अंदाजा लगाया जा सकता है ! मुख्य दरवाज़े तक दोनों तरफ सीढ़ियां बनी हुई हैं और बीच में कुछ अलग अलग साइज के पत्थर लगे हुए हैं जिनमें लाइट लगाई हुई हैं ! कल्पना करिये कि रात के अँधेरे में ये कितनी खूबसूरत लगती होंगी ! निर्माण कार्य अभी चल रहा है !!




उससे थोड़ा सा पहले कुरुक्षेत्र की तरफ इस्कॉन मंदिर है और थोड़ा और आगे कल्पना चावला प्लैनेटेरियम है ! ऑटो वाला जब भी इन जगहों पर अपना ऑटो रोकता , मैं पहले अपनी घडी देखता और आगे चल देता ! समय बहुत इजाजत नही दे रहा था ! अब सीधे शेख चिल्ली का मकबरे को देखने चलते हैं ! 


शेख चिल्ली या शेख चेहली का मक़बरा कुरुक्षेत्र के थानेसर में थोड़ा सा शहर से बाहर की तरफ है ! शेख चिल्ली का असली नाम सूफी अब्दुल रहीम अब्दुल करीम अब्दुर रज़्ज़ाक था ! और वो मुग़ल राजकुमार दारा शिकोह का गुरु भी था ! यहां इस काम्प्लेक्स में दो मकबरे हैं , एक बड़ा और उसके सामने ही एक और छोटा ! बड़ा मक़बरा शेख चिल्ली का है और कहते हैं कि छोटा मक़बरा उसकी बीवी का है ! शेख साब का मक़बरा पर्शियन स्टाइल में गोल गुम्बद के जैसा है लेकिन  मक़बरा कुछ आयताकार है ! इस काम्प्लेक्स में एक मस्जिद भी है जिसे पत्थर मस्जिद कहते हैं !


आइये फोटो देखते चलते हैं :

गीता कुञ्ज मंदिर की गौशाला


ये लाइट जब रात में चमकती होगी तो क्या शानदार लगती होगी !!


मंदिर के शिखर पर लगा सुन्दर शंख








कल्पना चावला प्लैनेटेरियम
कुरुक्षेत्र में मुझेसबसे अच्छे उसके चौराहे लगते हैं ! हर चौराहे पर शानदार कलाकृति मिल जायेगी
कुरुक्षेत्र में मुझेसबसे अच्छे उसके चौराहे लगते हैं ! हर चौराहे पर शानदार कलाकृति मिल जायेगी

कुरुक्षेत्र में मुझेसबसे अच्छे उसके चौराहे लगते हैं ! हर चौराहे पर शानदार कलाकृति मिल जायेगी
शेख चिल्ली का मक़बरा
शेख चिल्ली का मक़बरा
शेख चिल्ली का मक़बरा




ये शेख चिल्ली की पत्नी का मक़बरा
ये शेख चिल्ली की पत्नी का मक़बरा














​पास​ ही स्टेडियम में लहराता तिरंगा





अभी एक तरह ये टाइल लगना बाकी है


                                                                                                         यात्रा जारी रहेगी: 

कोई टिप्पणी नहीं: