गुरुवार, 22 मार्च 2012

फूलों की खुशबू लौट आई है………….

फूलों की खुशबू लौट आई है एक तेरे आने से |

हर ख़ुशी मेरे पास आई है एक तेरे आने से ||



रफ्ता रफ्ता बढ़ रहा था मैं मौत की ज़ानिब

मेरी जिंदगी लौट आई है एक तेरे आने से ||



तेरे बिना जैसे महक नहीं थी गुलशन में

हर कली मुस्कराई है एक तेरे आने से ||



तू गई तो चाँद की चांदनी भी गई

रात की चमक लौट आई है एक तेरे आने से ||



बात बिगड़े भी तो रिश्ते नहीं टूटा करते

सदा -ए -इश्क लौट आई है एक तेरे आने से ||



मैं तो बस एक तिफ्ल था ‘ योगी ‘ इस भरे ज़माने में
पूरी दुनियां मेरे कदमों में सिमट आई है एक तेरे आने से ||

4 टिप्‍पणियां:

amrendra "amar" ने कहा…

अच्छे प्रयास के लिए बहुत बधाई।

Yogi Saraswat ने कहा…

आदरणीय अमरेन्द्र जी नमस्कार ! मेरे शब्दों पर बहुमूल्य विचारों का स्वागत करता हूँ और आगे भी आपके सहयोग की कामना करता हूँ ! धन्यवाद !

बेनामी ने कहा…

bahut sundar gazal yogi ji !

Yogi Saraswat ने कहा…

dhanywad aapkaa