गुरुवार, 15 जनवरी 2015

आदमी

आदमी ही आदमी से लड़ रहा

ये कैसा रोग इस दुनियाँ को जकड रहा

आदमी ही आदमी के मार्ग में बाधा बन जाता है !

आदमी के ही हाथ से आदमी का निवाला छिन जाता है !!

यहाँ दाता बना आदमी आदमी ही बना गुलाम

आदमी ही आदमी को ठोकर मारे

आदमी ही आदमी को करे सलाम !!

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