बाबोर मंदिर: मनवाल
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यात्रा दिनांक : 29 जून 2022
काला डेरा मंदिर घूम के निकल आया था ! लौटते हुए उसी दुकान से , जिससे थोड़ी देर पहले ही कोल्ड ड्रिंक खरीदी थी , पानी की बोतल ले ली। गर्मी भयंकर थी और उस पर भी जून के आखिरी सप्ताह की दोपहर ! शरीर का पानी , पसीना बन के बाहर निकलता जा रहा था लगातार और इस कमी को पूरा करते जाना जरुरी हो गया था।Youtube Link : https://www.youtube.com/watch?v=gSc8HGbCjSQ&t=232s
वहीँ से रोड पार करते हुए सामने एक बोर्ड लगा था -बाबोर मंदिर ! सामने एक गली दिख रही थी जिसके दोनों तरफ छोटे -छोटे घर बने हुए थे मगर बाहर कोई नहीं दिख रहा था। गली पार करते हुए सीधे खेतों में जा पहुंचा जिनके एक कोने में पुराने मंदिरों का समूह जैसा दिख रहा था। अब रास्ता पकड़ा और उसके गेट पर जा पहुंचा। गेट की कुण्डी लगी हुई थी अंदर से और आसपास कोई नजर नहीं आ रहा था। पांच मिनट तक इंतज़ार किया कि कोई आये तो कुण्डी खुलवाऊं मगर न बाबा आया न कुण्डी खुली ! वैसे भी किसी को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि इन खण्डहर जैसे मंदिरों को देखने कोई आएगा और वो भी इतनी दोपहर में !
अब और इंतज़ार नहीं ! गेट में बार लगी थीं मतलब सरियों का बना हुआ था , मैंने बाहर से हाथ डाला और गेट खोल दिया। अंदर जा पहुंचे ! घास कटी हुई थी , बाकी चीजें भी व्यवस्थित थीं और एक चारपाई बिछी हुई थी जिसका मतलब ये था कि कोई न कोई यहाँ रहता होगा जो अब यहाँ नहीं है।
ये बाबोर मंदिर हैं जो जम्मू से करीब 70 किलोमीटर और उधमपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर मनवाल टाउन के पास स्थित हैं ! इन मंदिरों का निर्माण काल भी काला डेरा मंदिरों की तरह 10 वीं या 11 वीं शताब्दी का माना जाता है। यहां कभी पांच या छह मंदिर हुआ करते थे मगर अब तीन ही मंदिर रह गए हैं जिनमे से दो ही मंदिरों में पूजा -पाठ होता है।
ऐसा कहा जाता है कि इन मंदिरों को भी राजा लालिदातित्य के वंशजों ने ही बनवाया था और इन मंदिरों की वास्तुकला और इसमें लगे पत्थर -कश्मीर के वांगल (Wangal ) के मंदिरों की तरह ही है।
भगवान शिव और माता पार्वती जी को समर्पित ये मंदिर अंदर से बहुत खूबसूरत हैं। अंदर जो स्तम्भ लगे हैं उन पर आकर्षक डिज़ाइन बने हुए हैं और बड़ी बात ये है कि मंदिर के गर्भगृह भले छोटे हैं मगर गर्भगृह के सामने अच्छा खासा स्पेस उपलब्ध है। मंदिर एक ऊँचे प्लेटफार्म पर बना है और मंदिर के आसपास एकदम सुन्दर घास वाले पार्क हैं जो यहाँ की सुंदरता और बढ़ा देते हैं।
इन मंदिरों का या काला डेरा मंदिरों का विस्तृत इतिहास उपलब्ध नहीं है इसलिए मैं सिर्फ आपको इतना ही लिख सकता हूँ और कुछ फोटो हूँ। हाँ ,अगर आपको वीडियो देखा है तो वीडियो भी इन मंदिरों का आपको मेरे चैनल पर मिल जाएगा !
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंअति उत्तम खबर
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