प्रस्तुति : योगी सारस्वत
दिनांक : 24 जनवरी 2015
उदयपुर की बेहतरीन यात्रा के बाद हमारा अगला इरादा चित्तौड़गढ़ के फोर्ट को देखना था , हालाँकि मैं यहां कई बार जा चुका हूँ किन्तु बच्चों के साथ कभी नही गया। चित्तौड़गढ़ में मेरी बड़ी बहन रहती हैं इसलिए चक्कर लगते ही रहे हैं लेकिन इस बार बात ही कुछ थी।
उदयपुर से चित्तौड़गढ़ तक आने वाली पैसेंजर ट्रेन अपने निर्धारित समय पर चित्तौड़गढ़ पहुँच गयी थी , वहां से ऑटो लेकर सीधे दीदी के घर। उन्होंने अभी नई गाडी खरीदी है 15 दिन पहले ही और वो अभी इसे कहीं दूर लेकर भी नही निकले। जीजा जी ने प्रोग्राम में चेंज कर दिया। बोले सुबह पहले सांवरिया जी के मंदिर चलेंगे , फिर हम तुम्हें फोर्ट छोड़ देंगे। ये भी ठीक है।
चित्तौड़गढ़ से करीब 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सांवरिया जी का मंदिर राजस्थान में बहुत प्रसिद्द है। चार लेन का हाईवे नंबर 76 एकदम मक्खन जैसा बना हुआ है हालाँकि भदसौड़ा चौराहे पर नया आदमी भटक जाता है , वहां ऐसे गोल गोल से चक्कर बने हुए हैं कि आदमी कंफ्यूज हो जाता है।
मुख्य मंदिर रोड से करीब आठ किलोमीटर अंदर है और प्राकट्य स्थल बिल्कुल रोड के किनारे ही है। प्राकट्य स्थल के बराबर में से ही एक ऊबड़ खाबड़ सी रोड अंदर की तरफ जाती है। अभी काम चल रहा था उधर , ये जनवरी की बात है , अब शायद सही हो गयी हो। मुख्य मंदिर का प्रांगण बहुत बड़ा है और जिस दिन इस मंदिर का निर्माण पूरा होगा , एक बेहतरीन और शानदार मंदिर बनेगा। सांवरिया जी राजस्थानियों और गुजरातियों के घरों में बहुत ऊंचा स्थान रखते हैं ! साँवरिया जी मतलब कृष्णा जी ! ये इस बात से समझा जा सकता है , वहां इस तरह के वचन लिखे रहते हैं :
सेठों में सेठ सांवरिया सेठ
बाकी सब डुप्लीकेट !!
आइये फोटो देखते हैं और सांवरिया जी का ध्यान करते हैं !!
चित्तौड़गढ़ से करीब 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सांवरिया जी का मंदिर राजस्थान में बहुत प्रसिद्द है। चार लेन का हाईवे नंबर 76 एकदम मक्खन जैसा बना हुआ है हालाँकि भदसौड़ा चौराहे पर नया आदमी भटक जाता है , वहां ऐसे गोल गोल से चक्कर बने हुए हैं कि आदमी कंफ्यूज हो जाता है।
मुख्य मंदिर रोड से करीब आठ किलोमीटर अंदर है और प्राकट्य स्थल बिल्कुल रोड के किनारे ही है। प्राकट्य स्थल के बराबर में से ही एक ऊबड़ खाबड़ सी रोड अंदर की तरफ जाती है। अभी काम चल रहा था उधर , ये जनवरी की बात है , अब शायद सही हो गयी हो। मुख्य मंदिर का प्रांगण बहुत बड़ा है और जिस दिन इस मंदिर का निर्माण पूरा होगा , एक बेहतरीन और शानदार मंदिर बनेगा। सांवरिया जी राजस्थानियों और गुजरातियों के घरों में बहुत ऊंचा स्थान रखते हैं ! साँवरिया जी मतलब कृष्णा जी ! ये इस बात से समझा जा सकता है , वहां इस तरह के वचन लिखे रहते हैं :
सेठों में सेठ सांवरिया सेठ
बाकी सब डुप्लीकेट !!
आइये फोटो देखते हैं और सांवरिया जी का ध्यान करते हैं !!
सांवरिया जी प्राकट्य स्थल |
सांवरिया जी प्राकट्य स्थल |
सांवरिया जी प्राकट्य स्थल |
सांवरिया जी प्राकट्य स्थल |
मुख्य मंदिर |
मुख्य मंदिर |
मुख्य मंदिर |
मुख्य मंदिर |
हम साथ साथ हैं |
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