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गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015

जगदीश मंदिर : उदयपुर

जगदीश मंदिर

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सिटी पैलेस अरावली पहाड़ियों पर बना हुआ है और इसकी हल्की सी चढ़ाई जगदीश मंदिर से ही शुरू हो जाती है ! ऑटो -गाड़ियां खड़ी करने की जगह नहीं मिल पाती लोगों को तो वो यहीं छोड़ देते हैं ! और कहते हैं कि सामने ही जगदीश मंदिर है आप देख के आओ , मैं यहीं खड़ा हूँ ! मैं यहीं खड़ा हूँ के चक्कर में वो अपने ऑटो को ले जाता है कहीं और ! उसे मालुम होता है कि अब आप 2 -3 घंटे से पहले नहीं आने वाले लौटकर ! सिटी पैलेस और जगदीश मंदिर को देखने और घूमने में इतना समय लग ही जाता है !


जगदीश मंदिर उदयपुर के दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है ! असल में आप जिस होटल में रुके होते हैं वो आपको एक बुकलेट दे देते हैं कि सर ये ये जगह हैं उदयपुर में जहां आप जाना चाहेंगे ! आपकी मर्जी , आप कहाँ जाना चाहते हैं ? सिटी पैलेस देखने के बाद हम पैदल पैदल ही जगदीश मंदिर की तरफ निकल चले ! आप देखेंगे की सिटी पैलेस काम्प्लेक्स के अंदर और बाहर इंडिया और भारत जैसा ही अंतर है ! मतलब अंदर इंडिया जैसा एकदम साफ़ और सिटी पैलेस से बाहर निकलते ही भारत जैसा गंदा माहौल ! सिटी पैलेस के बाहर की गन्दगी दिखाई दे जाती है ! दौनों तरफ बाजार सजे हैं लेकिन गाहक मुझे तो नहीं दिखे ज्यादा ! आते होंगे शाम को !

सिटी पैलेस के बड़ा पोल की तरफ भगवान विष्णु ( लक्ष्मी नारायण ) को समर्पित जगदीश मंदिर मारू गुर्जर स्थापत्य कला ( मेवाड़ की पुरानी स्थापत्य कला ) में बना हुआ है जिसे 1651 में महाराणा जगत सिंह ने बनवाया ! पूरी 32 सीढ़ियां हैं जो बिल्कुल सीधी हैं ! आप अनुमान लगाएं कि 10 मीटर की चौड़ाई में अगर आप 32 सीढ़ियां बनावायें तो लगभग एकदम सीधी होंगी ! आधा दम तो सीढ़ियां चढ़ते ही निकल जाता है !

ऐसा कहते हैं कि इस मंदिर को बनाने में 15 लाख रुपये का खर्च आया था ! इस शानदार मंदिर के शिखर में नर्तकों , संगीतकारों , घुड़सवारों के मूर्तियां लगी हैं जो इसे अद्भुत और स्थापत्य के तौर पर विशिष्ट बनाती हैं। प्रवेश करते ही पत्थर के बने दो हाथी आपका स्वागत करने को तैयार हैं ! यहाँ गरुड़ की प्रतिमा इस तरह से स्थापित करी गयी है जैसे वो भगवान विष्णु के पहरेदार के रूप में कार्यरत हों।

दर्शन करने में बिलकुल भी परेशानी नहीं होती ! मुख्य मंदिर के आसपास इतनी जगह है कि भीड़ होने पर भी उसे नियंत्रित किया जा सकता है ! मंदिर की दीवारों पर जो कलाकृतियां हैं उन्हें देखकर एक बारी लगता है जैसे हम उदयपुर में नहीं बल्कि खजुराहो के मंदिर देख रहे हों !!


आइये फोटो देखते हैं : 

जगदीश मंदिर प्रवेश द्वार
जगदीश मंदिर प्रवेश द्वार








दीवारों पर  कलाकृतियां




दीवारों पर  कलाकृतियां

दीवारों पर  कलाकृतियां
मंदिर के खंभे भी आकर्षित करते हैं








दीवारों पर  कलाकृतियां

दीवारों पर  कलाकृतियां





                                                                             यात्रा जारी है :



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