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गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

ऐश्वर्या राय भी अभिषेक से पहले …………….

नाम सुना है क्या तुमने मेरा
नहीं सुना तो आज सुनो |
आँखें खोल के रक्खो
करके बंद अपने कान सुनो ||

मैं हूँ दुनिया का न . 1 डोन |
पहिचान सको तो पहिचानो, मैं हूँ कौन ||

मेरे नाम से बुझ जाती है लोगों की बत्ती |
कांपती है मुझसे इस शहर की हर एक हस्ती ||

शौक शान हैं मेरे अजब निराले
चले अगर मेरी मर्जी तो सेब उगा लूँ काले ||

हर काम का मेरा अलग एक स्टाइल है |
हर काम की मेरी अलग एक फाइल है ||

नहाऊं अगर मैं दिल्ली में तो कपडे सुखाऊँ लन्दन में |
मैं हूँ आजाद चमन का पंछी, नहीं हूँ किसी के बंधन में ||

अंडरवियर सिलता है यारो मेरा सिडनी में |
मैं चाहूँ तो सलमान को नचा दूं चड्डी और बिकनी में ||

मेरे इशारे से चलते हैं घंटे , मिनट्स और सेकंड |
इस दुनिया के सारे गुंडे लगते हैं मेरे फ्रेंड ||

ओसामा भी मेरे नाम से कांप जाता था |
मिल्खा सिंह भी मेरे साथ दौड़ते हुए हांफ जाता था ||

अमिताभ को एक्टिंग का सबक मैंने ही सिखलाया था |

( अमिताभ और मैं साथ पढ़े हैं लेकिन वो 64 के हो गए
मैं 32 का ही रह गया | बड़े लोग जल्दी बड़े हो जाते हैं )

जब वो रोते रोते एक दिन मेरे घर पे आया था ||

सच बताऊँ यारो मैंने खली बली को मारा था |
और सचिन तेंदुलकर का स्क्वेयर ड्राइव मैंने ही तो संवारा था ||

मनमोहन सिंह को राजनीति मैंने ही सिखलाई थी ( गलत किया ) |मायावती भी मुझसे आशीर्वाद लेने मेरे घर पे आई थी ||

सोनिया गाँधी भी पोलिटिक्स चलाने को लेती हैं मुझसे टिप्स |
इसके बदले मिलते हैं मुझको बस दो पैकेट अंकल चिप्स ||

ऐश्वर्या राय भी अभिषेक से पहले मेरे पास आई थी |( 50 % मामला तय हो गया था )

मगर हाय ! रे मेरी फूटी किस्मत उसी दिन मेरी सगाई थी ||

अभी तक नहीं पहिचान सके ? मैं बड़ा हैरान हूँ |
कुछ नहीं हूँ भाई, मैं तो बस ! एक अदना सा इंसान हूँ ||

(कृपया इस रचना के  साहित्य के मानदंडों पर खरा उतरने की उम्मीद ना करें ! पढ़ें , हंसें और मज़े करें ) धन्यवाद !

11 टिप्‍पणियां:

  1. 2012 में लिखी थी? यानि किशोरावस्था में??? फिर तो ठीक है! 😊😊😊😊😊

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  2. बहुत धन्यवाद विकास भाई !! आते रहिएगा

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  3. सुशांत सर जी 2012 में प्रकाशित की है सर यहाँ लिखी बहुत पहले थी। बहुत धन्यवाद आपका !! आते रहिएगा

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