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तीस जनवरी मार्ग, नई दिल्ली, में पुराने बिड़ला भवन में स्थित गांधी स्मृति वह पावन स्थल है जहाँ पर 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की इह लोक लीला समाप्त हुई। इस भवन में महात्मा गांधी 9 सितम्बर, 1947 से 30 जनवरी, 1948 तक रहे थे। इस प्रकार पावन हुए इस भवन में गांधी जी के जीवन के अंतिम 144 दिनों की अनेक स्मृतियाँ संग्रहित हैं। पुराने बिड़ला भवन का भारत सरकार द्वारा 1971 में अधिग्रहण किया गया और इसे राष्ट्रपिता के राष्ट्रीय स्मारक के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। 15 अगस्त, 1973 को इसे जनसामान्य के लिए खोल दिया गया । यहाँ संग्रहित वस्तुंओं में वह कक्ष है जिसमें महात्मा गांधी ने निवास किया था तथा वह प्रार्थना स्थल है जहाँ वह प्रत्येक दिन संध्याकाल में जन सभा संबोधित करते थे । इसी स्थल पर गांधीजी को गोलियों का शिकार बनाया गया। यह भवन तथा यहाँ का परिदृश्य उसी रूप में संरक्षित है जैसा उन दिनों में था।
इस जगह पर जाने के लिए न जाने कितनी बार सोचा होगा , लेकिन जब वहां पहुँचता तो कभी 5 बज गए होते तो कभी सोमवार पड़ जाता ! असल में मेरा हंगरी भाषा का कोर्स तीस जनवरी मार्ग के पास ही स्थित हंगरी कल्चरल सेंटर में चल रहा था जो सोमवार और शुक्रवार को 6 बजे शुरू होता है , तो ये दो ही दिन मुझे मिल पाते थे ! जबकि गाँधी स्मृति 5 बजे बन्द हो जाता है और सोमवार को साप्ताहिक अवकाश है उनका !
आखिर कॉलेज की छुट्टी पड़ गयी शनिवार की और इस बार मन बना लिया कि अब तो देख के आना ही है गाँधी स्मृति को ! इसे देखने के बाद मैं ये कह सकता हूँ कि अगर आप अपने बच्चों को गांधी बाबा के विषय में बताना चाहते हैं तो कम से कम एक बार उन्हें इस संग्रहालय में जरूर ले जाएँ ! इस संग्रहालय में महात्मा गांधी द्वारा यहाँ बिताए गए वर्षों के संबंध में फोटोग्राफ, मूर्तियाँ, चित्र, भित्तिचित्र, शिलालेख तथा स्मृतिचिन्ह संग्रहित है। गांधीजी की कुछ निजी वस्तुएँ भी यहाँ सावधानीपूर्वक संरक्षित हैं।
आइये फोटो देखते हैं
अच्छी जानकारी चित्रों के साथ ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार श्री दिगम्बर जी ! संवाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद
जवाब देंहटाएंkafee behtreen jankaree aur chtron se susajjit! anoothee kriti!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय श्री जवाहर सिंह जी ! आपके आशीर्वाद की हमेशा ही प्रतीक्षा रहती है ! धन्यवाद
हटाएंThanks for sharing. This post has shown many aspects of Gandhi ji's life to us.
जवाब देंहटाएंThnx for your first comment Saru Singhal ji ! hope for your regular kind visit. thnx again
हटाएंNice Post
जवाब देंहटाएंThnx very much
हटाएंबहुत रोचक चित्रमय जानकारी...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका , आपको मेरा प्रयास पसंद आया ! संवाद बनाये रखियेगा ! आभार
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