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बुधवार, 20 जून 2012

धरती जो सबसे पावन ……

धरती जो सबसे पावन वो धरती हिंदुस्तान की |
लेते वीर जन्म जहाँ वो माटी हिंदुस्तान की ||


कितने हमले हुए यहाँ , खोने ना पाई इसकी शान
मात्रभूमि की रक्षा को यहाँ करता बच्चा बच्चा जां कुर्बान ||


मात्रभूमि की रक्षा को ही यहाँ नारी ने तलवार उठाई थी
करोड़ों लोग आ गए पीछे जब गाँधी ने आवाज़ लगाईं थी ||


मत भूल अशफाक की कुर्बानी को मत भूल भगत के जोश को
फिरंगियों को वापस भगाया , तू भूल गया क्या उस बोस को ? ||


आजाद सरीखे वीरों के दम पर ही अंग्रेजों ने जंग हारी थी
भूल गया क्या उस ऊधम को जिसने डायर को गोली मारी थी ||


इन सब वीरों को भारत की आज़ादी का अरमान था
लड़ा जो हिंद के लिए वो हर वीर महान था ||


उनका ही वंशज है तू , और है भारत वासी
लगता है जन्मभूमि है फिर से कुछ बलिदानों की प्यासी ||


भारत माँ की रक्षा को अपना शीश कटा ले तू
मात्रभूमि पर निछावर होकर कुछ पुण्य कमा ले तू ||

10 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया है ...आपने मेरे पिताजी की भी याद दिला दी! मन भावुक हो गया!

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  2. सार्थक भाव .. देश प्रेम से ओतप्रोत रचना ...

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  3. bahut khoob...yogi ji...aaj ek naya roop dekhne ko mila...aap ka...

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  4. बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री जवाहर सिंह जी, मेरे शब्द आपके दिल तक पहुंचे और आपकी यादों को ताजा कर पाये ! आभार

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  5. बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री दिगंबर जी, मेरे शब्द आपके दिल तक पहुंचे और आपका आशीर्वाद लेकर आये ! धन्यवाद

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  6. बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री विक्रमजीत सिंह जी, मेरे शब्द आपके दिल तक पहुंचे और आपका समर्थन लेकर आये ! धन्यवाद

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  7. aadarniy yogiji,bahut sarthak upyogi or shikshaprad blog hai.padhkar bahut achchha laga.aapko bahut bahut badhaii.is blog ke ujjwal bhavishy ke liye meri or se bahut bahut shubhkamnaen.from-sadguruji.

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  8. बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री राजेंद्र ऋषि जी ! मेरे शब्द आप तक पहुंचे और आपने उन्हें सम्मान और समर्थन प्रदान किया ! आशीर्वाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद

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