शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

सर्वेश्वर महादेव और अन्य मंदिर : कुरुक्षेत्र

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ब्रह्म सरोवर को साइड साइड से देखते हुए लगभग एक पूरा चक्कर गोल गोल लगा लिया और वापस जहाँ से चला था वहीँ आ गया ! यहाँ माँ कात्यायनी का एक प्राचीन मंदिर है हालाँकि मुझे आज तक ये नही समझ में आया कि प्राचीन मंदिर कहते किसे हैं ? कहीं कल मंदिर बना और उसके बाहर बोर्ड लगा मिलेगा , प्राचीन शिव मंदिर , प्राचीन हनुमान मंदिर ! जैसा मैंने पहले कहा कि अंदर रास्ता बहुत ही साफ़ सुथरा और चौड़ा है इसलिए कोई समस्या नही आती ! यहीं एक ऐसा मंदिर है जिसे द्रौपदी का कुआँ (कूप ) कहा जाता है लेकिन कूप तो कहीं नही दिखाई दिया ! थोड़ा सा आगे पूर्वमुखी हनुमान जी का मंदिर है ! गुणी पाठकों से निवेदन करूँगा कि इस विषय में ज्ञान वर्धन करें कि पूर्व मुखी , दक्षिण मुखी क्या होता है ?



शनिवार, 21 नवंबर 2015

विश्व के 10 खतरनाक ब्रिज

जंगलों से घिरी घाटियों से लेकर आसमान की  ऊंचाइयों तक विश्व भर में एक से एक खतरनाक पुल बने हुए हैं ! कुछ इतने पुराने और कुछ इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना ! हमें उन लोगों को धन्यवाद देना चाहिए जिन्होंने नए विचारों को अपने तकनीकी कौशल और अपनी योग्यता के दम  पर मानवता के भले के लिए काम किया ! कुछ लोग होते हैं जो इंसानों के बीच पुल बनाते हैं उन्हें हम मानवता का पुजारी कहते हैं और कुछ लोग होते हैं जो मानवता  के भले के लिए काम करते हैं उन्हें कुछ भी नाम दे सकते हैं ! 


इन पुलों को खतरनाक कहने के लिए कुछ फैक्टर्स लिए गए हैं जैसे उनकी संकीर्णता ( Narrowness ) , पुरानी सरंचना (old construction ) , उसमें लगने वाली धातु  (Material ) ! आइये ऐसे 10 खतरनाक पुलों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं !


बुधवार, 18 नवंबर 2015

ब्रह्म सरोवर : कुरुक्षेत्र

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​कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन के बाहर से ब्रह्म सरोवर के लिए ऑटो मिल जाते हैं ! लेकिन कुरुक्षेत्र में दो सरोवर हैं ब्रह्म सरोवर और सन्निहित सरोवर ! ब्रह्म सरोवर को बड़ा सरोवर और सन्निहित सरोवर को छोटा सरोवर कहते हैं ! तो ब्रह्म सरोवर यानि बड़ा सरोवर चलते हैं !

ब्रह्म सरोवर में स्नान एक पुण्य कर्म माना जाता है ! आप देखें तो पाएंगे कि हिन्दू धर्म में पवित्र सरोवर या कुण्ड में नहाने की पुरानी परंपरा रही है और इसे पवित्र माना जाता है ! जैसे हेमकुंड , रूप कुण्ड ! ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ करने के बाद कुरुक्षेत्र से ही सृष्टि बनाने की शुरूआत की थी और ब्रह्म सरोवर इस सृष्टि का उद्गम माना जाता है ! इस सरोवर का नाम अल बरुनी द्वारा 11 वीं शताब्दी में लिखी गयी गई "किताब -उल- हिन्द " में भी आता है ! जब प्रतिवर्ष नवम्बर के अंत और दिसंबर के शुरुआत में यहां "गीता जयंती " का उत्सव मनाया जाता है तब इस सरोवर को देखना और भी सुन्दर लगता है ! ​उस समय यहां दीप दान और आरती भी होती है ! लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ यहां सूर्य ग्रहण के समय होती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय यहां स्नान करने से आपके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं !


सोमवार, 16 नवंबर 2015

कुरुक्षेत्र : जहाँ भगवद् गीता का जन्म हुआ

कभी कभी ज्यादा छुट्टियां मिलना भी अच्छा नहीं लगता ! बोरियत शुरू होने लगती है ! दीपावली की लगभग पूरे सप्ताह की छुट्टियों में यही हाल रहा ! कहीं अगर जाने का सोचता तो हर जगह मिलने वाली भीड़ के बारे में सोचकर कदम पीछे हट जाते और ऐसे करके शुक्रवार यानि 13 नवंबर तक घर में ही पड़ा रहा और बच्चों के साथ दीपावली की खुशियां मनाता रहा ! पिछला दीपावली का त्यौहार गोवर्धन , मथुरा में मनाया था ! शुक्रवार को एकदम से प्लान किया कि शनिवार को कुरुक्षेत्र निकलता हूँ ! प्लान तो ये था कि सुबह गाजियाबाद से 7 बजे की emu  पकड़ के नयी दिल्ली और फिर नयी दिल्ली से 8 बजकर 10 मिनट पर निकलने वाली कुरुक्षेत्र EMU पकड़ लूंगा !  लेकिन ऐसा कुछ भी नही हो पाया ! उस रात प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इंग्लैंड के लंदन में वेम्ब्ले स्टेडियम में स्पीच दे रहे थे और उन्हें सुनते सुनते रात के बारह बज गए फिर तो नींद ही उखड गयी ! और मुश्किल से 2 या ढाई बजे नींद आई होगी ! अब 2 ढाई बजे सोकर कोई मतलब ही नही कि 6 बजे जग जाया जाए ! नींद खुली आठ बजे और आज तो चाय भी खुद ही बनानी थी ! निकलते निकलते 9 बज गए !