पेज

शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

स्टील सिटी जमशेदपुर में

जमशेदपुर जाने का कोई प्रोग्राम पहले से नहीं था लेकिन जब पता चला कि कुछ लोग बाहर जा रहे हैं कॉलेज के विज्ञापन के लिए तो मैंने भी अपना नाम लिखवा दिया और जमशेदपुर जाने का कार्यक्रम बन गया ! दो बातें एक साथ हो गयीं ! एक तो कॉलेज का काम हो गया दूसरा मेरा जमशेदपुर देखने और घूमने का मौका भी तैयार हो गया ! जैसे ही प्रोग्राम फाइनल हुआ , मैंने अपने मित्र सुशील शर्मा और ब्लॉगर मित्र श्री जवाहर सिंह जी को तुरंत सूचित कर दिया ! उन्हें सूचित करने के तुरंत बाद का काम था कि ट्रेन में टिकेट देखा जाए , और मिला भी ! इधर से जब देखा कि जम्मू तवी से टाटा नगर ( जमशेदपुर ) जाने वाली मुरी एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास में अलीगढ से 17 सीट उपलन्ध हैं , तुरंत आरक्षण करा लिया ! असल में मैं जब अमृतसर से जनवरी में लौटा था तो इस ट्रेन ने हमें बिलकुल ठीक समय पर गाजियाबाद उतार दिया था इसलिए यही सोचा था कि ये बेहतर रहेगी लेकिन आखिर में ये अति आत्मविश्वास ले डूबा और ये ट्रेन टाटानगर पहुँचते पहुँचते 10 घंटे लेट हो गयी ! खैर ! ये अच्छा रहा कि लौटने के लिए इस ट्रेन को वरीयता नहीं दी , उधर से हमें आरक्षण मिला ओडिशा से आने वाली ओडिशा सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस में !


11 अप्रैल को सुबह 5 :30 बजे की ट्रेन मुरी एक्सप्रैस पकड़नी थी तो इसका मतलब था कि मुझे कम से कम 4 बजे जागना पड़ता , और इतनी जल्दी मैं शायद साल दो साल में एक दो बार ही जग पाता होऊंगा , पक्का था कि मैं नहीं जग सकता इतनी जल्दी ! इसलिए बेग़म साहिबा को कह दिया कि मुझे ठीक 4 बजे फोन करें ! ससुर साब को भी कहा कि मुझे 4 बजे फोन करके जगा दें ! मकान मालिक को भी कहा कि दरवाजे पर आकर खटखट कर दें और कहें कि योगी अब जग जा , 4 बज गए ! आप सोच रहे होंगे , अजीब बेवकूफ है ! इतने सारे लोगों से कहने की क्या जरुरत थी , अलार्म लगा देता ! असल में मुझे अलार्म कभी जगा ही नहीं पाता ! वो शायद मेरे लिए नहीं है ! हाँ अगर कोई 2-3 बार फोन कर दे तो तुरंत बैठ जाता हूँ और फिर जाग भी जाता हूँ ! आलस बड़ी चीज है !


खैर जैसा कि अक्सर होता है जागते जागते 4 की जगह साढ़े चार बज गए ! लेकिन ये भी होता है कि जब समय कम होता है तो काम स्पीड से भी होता है और वही हुआ ! ठीक 5 बजे तैयार और ऑटो वाले को फोन किया कि आजा भैया , मैं तैयार हूँ !

पाँच बजकर 10 मिनट पर गाज़ियाबाद स्टेशन पर पहुँच गया , मुझे सबसे पहले टिकट लेना था क्यूंकि मेरे पास आरक्षण अलीगढ से था , तो गाजियाबाद से अलीगढ जाने के लिए जनरल टिकेट लेकर प्लेटफॉर्म नम्बर 3 पर पहुँच गया ! थोड़ी देर में घोषणा हुई , मुरी एक्सप्रेस 2 घण्टे की देरी से चल रही है ! ओह ! 10 अप्रैल को गाज़ियाबाद में चुनाव हुआ था , तो सोचा समय गुजारने के लिए अखबार ही ले लेता हूँ ! अखबार खोला ही था कि  एक पुलिस वाला आ गया।  अंदर का पेज निकाल देना ! ये आदत मुझे बड़ी बुरी लगती है , लेकिन उस दिन स्टेशन पर चुनाव की वजह से बहुत से पुलिस वाले जमा थे , उनकी संख्या देखकर ही सहम गया मैं और बिना कुछ कहे अन्दर के चार पेज उसे निकाल दिए ! 7 :30 बज गए तो लगा कि अब ट्रेन आने वाली है , अखबार लपेटकर बैग में डाल दिया लेकिन तभी फिर घोषणा हुई , अमृतसर के रास्ते जम्मू तवी से आने वाली , कानपूर इलाहबाद के रास्ते टाटानगर को जाने वाली 18110 मुरी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 2 घण्टे 30 मिनट की देरी से चल रही है ! जल भुन गया मैं ! एक तो इतनी सुबह आके बैठ गया हूँ और ट्रेन  है कि आने को ही राजी नहीं ! खैर 8 बजे ट्रेन आ पहुंची ! अपने आरक्षित डिब्बे और आरक्षित सीट पर जाकर बैठ गया ! न किसी ने पूछा , न कोई टीटी आया ! अलीगढ से तो अपना राज था ही सीट पर ! अलीगढ से ही सौरभ सारस्वत को भी आना था ! वो भी आ गया और आते ही , वो खाना खोल  लिया जो वो लेकर आया था घर से ! मेरे जैसे भुक्कड़ को और क्या चाहिए था ?


चोला स्टेशन , यहाँ आपको हमेशा बंदरों की फ़ौज़ दिखेगी
यहाँ आप कासगंज और मथुरा के लिए ट्रेन बदल सकते हैं

मुलायम सिंह यादव का गृह जिला

सौरभ सारस्वत
सौरभ सारस्वत ने ही बीवी से बात करते हुए मुझे भी क्लिक कर दिया


रेलवे लाइन के बीच में लिखा फतेहपुर आकर्षित करता है

इलाहबाद पहुँचते पहुँचते रात हो गयी 


यात्रा जारी है..................... यहाँ क्लिक करें ....



5 टिप्‍पणियां:

  1. योगी जी, सादर नमन! सुंदर यात्रा विवरण, आगे पड़ने की ईच्छा हो रही है!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार आपका श्री संजय गर्ग जी ! जल्दी ही आपको अगली क़िस्त पढ़ने को मिलेगी ! संवाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद

      हटाएं
  2. आदरणीय योगी जी, सादर अभिवादन! इसमे जमशेदपुर कहाँ है ...आपने उत्सुकता बढ़ा दी है आगे भी पढूंगा ...और हाँ सौरभ जी की टिफिन में क्या क्या था? आप भुक्खड़ तो नहीं लगते... आप तो हमेशा डाइटिंग पर ही ध्यान देते रहते हैं...सादर!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय श्री जवाहर सिंह जी , सादर ! जमशेदपुर अभी अपहुंचे नहीं हैं हम ! अगली क़िस्त में आप जमशेदपुर जरूर देखेंगे ! सौरभ के टिफिन में आलो -पूड़ी थे , एकदम बढ़िया ! हाँ , आपने सही कहा , मैं भुक्कड़ नहीं हूँ लेकिन घर का खाना खाये हुए 20 दिन से ज्यादा हो गए थे इसलिए जब सौरभ के टिफिन में और आपके घर में खाना मिला तो टूट पड़ा ! हहहाआआआआआआ ! आशीर्वाद बनाये रखियेगा ! धन्यवाद

      हटाएं
  3. बेहतरीन यात्रा की शानदार शुरुआत!

    जवाब देंहटाएं